आरती देवी अन्नपूर्णा जी की
Annapoorana Devi Aarti in Hindi
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार
प्रणाम...
जो नहीं ध्यावे
तुम्हें अम्बिके, कहां उसे
विश्राम।
प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,
कालान्तर तक नाम।
सुर सुरों की रचना
करती, कहाँ कृष्ण
कहाँ राम॥ बारम्बार...
चूमहि चरण चतुर
चतुरानन, चारु चक्रधर
श्याम।
देवि देव! दयनीय
दशा में दया-दया तब
नाम।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल
शरण रूप तब
धाम॥ बारम्बार...
श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री
ऐ विद्या श्री
क्लीं कमला काम।
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी,
वर दे तू
निष्काम॥ बारम्बार...
No comments:
Post a Comment