gototop
raftaarLogoMSearchMenuMenu
BG
Dharm ›
Hinduism ›
Arti ›
Kali Mata
RaftaarLogo
sasas
Print PageSave as PDFSave as Image
काली माता की आरती
Kali Mata
भगवान के बारे में जानें
आरती
काली माता की आरती (Kali Mata)
हिंदू मान्यतानुसार काली जी का जन्म राक्षसों के विनाश के लिए हुआ था। आदि शक्ति भगवती का रूप माने जाने वाली काली माता को बल और शक्ति की देवी माना जाता है। इनकी आराधना से मनुष्य के सभी भय दूर हो जाते हैं। मां काली जी की आरती से उनकी वंदना की जाती है।
आरती को सेव कर पढ़े जब मन करे (Download Kali Mata Aarti in PDF, JPG and HTML): आप इस आरती को पीडीएफ में डाउनलोड, जेपीजी रूप में या प्रिंट भी कर सकते हैं। इस आरती को सेव करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करें। काली जी की आरती निम्न है:
कालीमाता की आरती (Kali Mata Ji Aarti in Hindi)
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा ,हाथ जोड तेरे द्वार खडे।
पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेट धरेसुन।।1।।
जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ।।2।।
बुद्धि विधाता तू जग माता ,मेरा कारज सिद्व रे।
चरण कमल का लिया आसरा शरण तुम्हारी आन पडे।।3।।
जब जब भीड पडी भक्तन पर, तब तब आप सहाय करे।
गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरूणी रूप अनूप धरेमाता।।4।।
होकर पुत्र खिलावे, कही भार्या भोग करेशुक्र सुखदाई सदा।
सहाई संत खडे जयकार करे ।।5।।
ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये भेट तेरे द्वार खडेअटल सिहांसन।
बैठी मेरी माता, सिर सोने का छत्र फिरेवार शनिचर।।6।।
कुकम बरणो, जब लकड पर हुकुम करे ।
खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे।।7।।
शुम्भ निशुम्भ को क्षण मे मारे ,महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी ,जन अपने को कष्ट हरे ।।8।।
कुपित होकर दनव मारे, चण्डमुण्ड सब चूर करे।
जब तुम देखी दया रूप हो, पल मे सकंट दूर करे।।9।।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता ,जन की अर्ज कबूल करे ।
सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे।।10
सिंह पीठ पर चढी भवानी, अटल भवन मे राज्य करे।
दर्शन पावे मंगल गावे ,सिद्ध साधक तेरी भेट धरे ।।11।।
ब्रह्मा वेद पढे तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान धरे।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चॅवर कुबेर डुलाय रहे।।12।।
जय जननी जय मातु भवानी , अटल भवन मे राज्य करे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, मैया जै काली कल्याण करे।।13।।
raftaarLogoMSearchMenuMenu
BG
Dharm ›
Hinduism ›
Arti ›
Kali Mata
RaftaarLogo
sasas
Print PageSave as PDFSave as Image
काली माता की आरती
Kali Mata
भगवान के बारे में जानें
आरती
काली माता की आरती (Kali Mata)
हिंदू मान्यतानुसार काली जी का जन्म राक्षसों के विनाश के लिए हुआ था। आदि शक्ति भगवती का रूप माने जाने वाली काली माता को बल और शक्ति की देवी माना जाता है। इनकी आराधना से मनुष्य के सभी भय दूर हो जाते हैं। मां काली जी की आरती से उनकी वंदना की जाती है।
आरती को सेव कर पढ़े जब मन करे (Download Kali Mata Aarti in PDF, JPG and HTML): आप इस आरती को पीडीएफ में डाउनलोड, जेपीजी रूप में या प्रिंट भी कर सकते हैं। इस आरती को सेव करने के लिए ऊपर दिए गए बटन पर क्लिक करें। काली जी की आरती निम्न है:
कालीमाता की आरती (Kali Mata Ji Aarti in Hindi)
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा ,हाथ जोड तेरे द्वार खडे।
पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेट धरेसुन।।1।।
जगदम्बे न कर विलम्बे, संतन के भडांर भरे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जै काली कल्याण करे ।।2।।
बुद्धि विधाता तू जग माता ,मेरा कारज सिद्व रे।
चरण कमल का लिया आसरा शरण तुम्हारी आन पडे।।3।।
जब जब भीड पडी भक्तन पर, तब तब आप सहाय करे।
गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरूणी रूप अनूप धरेमाता।।4।।
होकर पुत्र खिलावे, कही भार्या भोग करेशुक्र सुखदाई सदा।
सहाई संत खडे जयकार करे ।।5।।
ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये भेट तेरे द्वार खडेअटल सिहांसन।
बैठी मेरी माता, सिर सोने का छत्र फिरेवार शनिचर।।6।।
कुकम बरणो, जब लकड पर हुकुम करे ।
खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे।।7।।
शुम्भ निशुम्भ को क्षण मे मारे ,महिषासुर को पकड दले ।
आदित वारी आदि भवानी ,जन अपने को कष्ट हरे ।।8।।
कुपित होकर दनव मारे, चण्डमुण्ड सब चूर करे।
जब तुम देखी दया रूप हो, पल मे सकंट दूर करे।।9।।
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता ,जन की अर्ज कबूल करे ।
सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे।।10
सिंह पीठ पर चढी भवानी, अटल भवन मे राज्य करे।
दर्शन पावे मंगल गावे ,सिद्ध साधक तेरी भेट धरे ।।11।।
ब्रह्मा वेद पढे तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान धरे।
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चॅवर कुबेर डुलाय रहे।।12।।
जय जननी जय मातु भवानी , अटल भवन मे राज्य करे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, मैया जै काली कल्याण करे।।13।।
No comments:
Post a Comment